जगदलपुर
महाकुंभ व पवित्र गंगा स्नान पर कथित टिप्पणी से देश के करोड़ों करोड़ हिन्दुओं की भावनायें आहत
कांग्रेस की मानसिकता सदैव हिन्दू विरोधी ही रही है
जगदलपुर।
भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश पाण्डेय ने कहा है कि इन दिनों भारत के प्रयागराज तीर्थस्थल पर महाकुंभ का वृहद आयोजन चल रहा है और इस अवसर पर न केवल भारत, अपितु विदेशों से भी लगभग 45 करोड़ सनातन धर्मप्रेमी प्रयागराज पहुँचकर माँ गंगा के पवित्र त्रिवेणी संगम स्थल पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस विराट आयोजन के सुचारु संचालन के दृष्टिगत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने समुचित प्रबंध किए हैं। ऐसे पवित्र अवसर पर कांग्रेस ने एक बार फिर अपने सनातन विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है। कांग्रेस के अ.भा. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोटि-कोटि सनातन धर्मप्रेमियों की आस्था पर आघात करते हुए इस आयोजन को लेकर जो बयान दिया है, सनातनप्रेमियों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी भी उसे घोर आपत्तिजनक मानती है।
भाजपा जिला अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्यप्रदेश के महू में महाकुंभ के आयोजन को लेकर कहा है, ‘गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म होगी क्या? आपको खाना मिलता है क्या? जब बच्चा भूखा मर रहा है, बच्चा स्कूल नहीं जा रहा, मजदूर को मजदूरी नहीं मिल रही, तब हजारों रुपये खर्च करके कम्पटीशन में डुबकियाँ मार रहे हैं। ऐसे लोगों से देश की भलाई नहीं होने वाली है।’
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने यह कहकर माँ गंगा का अपमान करके अक्षम्य अपराध किया है। विश्व भर के हिंदू, जो इन दिनों प्रयागराज पहुँचकर सदी इस ऐतिहासिक महाकुम्भ में भागीदार बनकर स्वयं में धन्यता का अनुभव कर रहे हैं, कांग्रेस के बयान से आहत और आक्रोश से भरे हुए हैं। पाण्डेय ने कांग्रेस से सवाल करते हुये कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को अब यह स्पष्ट करना होगा कि क्या वे खड़गे के बयान को अपनी पार्टी का अधिकृत दृष्टिकोण मानते हैं? क्या कांग्रेस के नेता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस बयान का विरोध करेंगे? क्या कांग्रेस के लोग इस बयान से सहमत हैं? कांग्रेस क्या अन्य धर्मों की धार्मिक परंपराओं के बारे में ऐसा बोलने की हिम्मत कर सकती है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा महाकुंभ और गंगा स्रान पर की गई टिप्पणी ने देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। खड़गे ने न केवल महाकुंभ जैसी पवित्र परंपरा का मजाक उड़ाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि कांग्रेस की मानसिकता हिंदू विरोधी ही है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे यह स्पष्ट करें कि क्या उनको केवल हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं पर सवाल उठाने का अधिकार है? क्या वह किसी अन्य धर्म के त्योहारों या आस्थाओं पर ऐसी बातें कहने की हिम्मत कर सकते हैं? वह इफ्तार पार्टियों में जाकर वोट मांगते हैं, चर्चों में प्रार्थना करते हैं, लेकिन जब बात हिंदू परम्पराओं और आस्था की आती है, तो खड़गे उसे ‘गरीबों का शोषण’ कहकर अपमानित करते हैं। यह कांग्रेस का असली चेहरा है, जिसने हमेशा हिंदू धर्म का अपमान किया है।
*कांग्रेस की हिंदू-विरोधी सोच*
भाजपा जिला अध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सरकारों का इतिहास ही रहा है राम भक्त और गौ-सेवकों पर गोलियाँ चलवाने का। यह कांग्रेस की मानसिकता का सबसे काला अध्याय है।
श्री राम के अस्तित्व पर सवाल कांग्रेस ने अदालत में हलफनामा देकर भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारने का दुस्साहस किया था। यह उनकी हिंदू विरोधी विचारधारा को साफ दिखाता है।
श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कांग्रेस ने दशकों तक विरोध किया। जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया, तब भी कांग्रेस ने इसे स्वीकार करने के बजाय राजनीतिक बयानबाजी जारी रखी।
स्वतंत्र भारत के प्रथम केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने जब सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया, तब कांग्रेस ने इसके उद्घाटन का बहिष्कार कर इसे ‘सेक्युलरिज्म के खिलाफ बताया। यह हिंदुओं की भावनाओं का खुला अपमान था।
*हिंदू साधु-संतों का अपमान*
भाजपा जिला अध्यक्ष श्री पाण्डेय नेकांग्रेस ने बार-बार साधु-संतों को बदनाम करने का काम किया; चाहे वो ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठा नैरेटिव हो या संत समाज को राजनीति में घसीटने की कोशिश, कांग्रेस ने हमेशा सनातन धर्म का अपमान किया है।
*शक्ति का विरोध’*
पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे राहुल गाँधी हाल ही में जॉर्ज पूनाइया से मिले थे जो कि एक हिन्दू विरोधी पास्टर है। तब उन्होंने यह बयान दिया था कि शक्ति कोई असली देवता नहीं है। जब राहुल गाँधी चुनाव प्रचार के दौरान कहते हैं कि वह शक्ति के विरोध में लड़ रहे हैं, तब उनको असल में यह कहना होता है कि वह हिन्दू धर्म के खिलाफ लड़ रहे हैं।
*खड़गे की टिप्पणी पर सवाल*
भाजपा जिला अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को यह नहीं भूलना चाहिए कि महाकुंभ केवल एक आस्था का प्रतीक नहीं है। यह भारत की सनातन संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक धरोहर का आधार है।
यह कोई पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने हिंदू आस्थाओं का अपमान किया है। खड़गे की टिप्पणी से साफ है कि कांग्रेस की सोच हिंदुओं को नीचा दिखाने और उनकी परंपराओं को अपमानित करने तक ही सीमित है।
कांग्रेस 70 साल तक सत्ता में रही और गरीबी हटाओ का नारा देने के अलावा कुछ नहीं कर पायी। आज जब जनता ने आपको पिछले 11 सालों से सत्ता से दूर रखा है, तब भी आपको गरीब और हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के अलावा कुछ याद नहीं आता।
यह केवल मल्लिकार्जुन खड़गे की गलती नहीं है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की पूरी विचारधारा ही हिंदू-विरोधी है। बीजेपी स्पष्ट करना चाहती है कि इस मुद्दे पर सिर्फ खड़गे की माफी से काम नहीं चलेगा। कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से देश के करोड़ों हिंदुओं और साधु-संतों से कान पकड़ कर माफी मांगनी होगी।
खड़गे के इस बयान से कांग्रेस का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। यह पार्टी केवल वोट बैंक की राजनीति करती है और हिंदू धर्म का अपमान करना इसकी पुरानी आदत है। भारतीय जनता पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि कांग्रेस और खड़गे को उनके इस हिंदू-विरोधी रवैये के लिए जनता के सामने जवाबदेह ठहराया जाए।
भाजपा जिला अध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि महाकुंभ सिर्फ डुबकी लगाने का पर्व नहीं है, यह हमारी सनातन संस्कृति और भारतीय सभ्यता का प्रतीक है। कांग्रेस इसे अपमानित कर अपनी मानसिकता और अपनी कुत्सित व घृणित सोच का खुलासा कर चुकी है।