कोंडागांव ब्यूरो दिलीप गंजीर *छत्तीसगढ़ी गीत संगीत का सरताज* :
26 सितंबर योगेश्वर मरकाम फरसगांव मे अपना खुद का मरकाम स्टूडियो डालकर कई क्षेत्रीय फिल्मो के गानों के लिए कर्णप्रिय संगीत देकर गीत संगीत कि दुनिया मे तहलका मचाये हुए है!
योगेश्वर जी को बचपन से ही गीत संगीत के प्रति जुडाब रहा है दिन रात संगीत के प्रति नई नई धुनो को तैयार करने कि ललक व अथक परिश्रम संगीत मे कर कई क्षेत्रीय गानों को अपनी धुनो से सबारकर गीतों को लोकप्रियता दिलाकर संगीत कि दुनिया मे एक अच्छा मुकाम हासिल कर लिए है!
*क्षेत्रीय गीतों मे महारत*
क्षेत्रीय छत्तीसगढ़ी गीतों के अलाबा हलबी,गोंडी , भतरी व उड़िया गानों के कई एल्बम मे उन्होंने अपना संगीत दिया है!
उनके पास हरियाणा व पंजाब से कई गीतकारो ने अपने रचित गीतों को ऑनलाइन संपर्क कर योगेश्वर जी से संगीत लेकर अपने नगमो को लोकप्रियता दिलाने मे सफलता पाई है!
आज योगेश्वर जी के फरसगांव स्थित स्टूडियो मे गीतकारों व बस्तर संभाग के यूट्यूवर कि लाइन लगी रहती है योगेश्वर मरकाम कि संगीत समिति मे कई साजकार है जो अपने अपने साज के अच्छे फनकार है!
योगेश्वर जी राज्य के प्राकर्तिक स्थलों मे जाकर गीतों व नृत्य का निर्देशन देकर खूबसूरत फिलमांकन करते है!
इतनी कम उम्र मे गीत संगीत कि बेहतरीन समझ को देखकर यही कहा जा सकता है कि इन्हे माँ सरस्वती जी का वरदान हासिल है!