जगदलपुर
बलरामपुर घटना की वर्तमान उच्च न्यायालय जज की निगरानी में हो जांच,मृतक के परिवाजन को मिले संविदा नौकरी,मिले 1 करोड़ मुआवजा राशि
रमन शासनकाल में घटित आँख फोड़वा कांड सांय सरकार में पुनः उजागर,जिम्मेदारो पर कठोर कार्यवाही करे सरकार- मौर्य
जगदलपुर| संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया,बस्तर जिला कॉंग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा,बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरूचरण मंडल की मौत हो गयी। पुलिस का दावा है कि मृतक गुरूचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है।जबकि सारे तथ्य बताते है बलरामपुर में युवक गुरुचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी।गुरुचरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था।मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था।मृतक के पिता ने बताया पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है और में अपने बेटे के साथ तीन दिनों से हिरासत में हूं। पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।
शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष मौर्य ने कहा कॉंग्रेस पार्टी का सवाल है कि,किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया ?मृतक के पास टॉवल (तौलिया) कहां से आया जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी ?मृतक के शरीर का पंचनाम परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया?मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, पुलिस जलाना क्यों बाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया।मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दिया गया?
मौर्य ने कहा कॉंग्रेस पार्टी की मांग है कि,इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराया जाये।इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है, उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये।मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बना कर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये।मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाये साथ ही प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे, गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये।
शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष मौर्य ने कानून व्यवस्था को लेकर कहा राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये।जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और आपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये।बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। सरकार की अर्कमण्यता का नतीजा है जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।जनता सरकार की क्षमता और पुलिस की दुर्भावनापूर्वक कार्यवाहियों के खिलाफ विद्रोह पर उतर आई है।पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया, सूरजपुर में अपराधी के घर पर हमला करने गयी भीड़ ने एसडीएम को पीटने के लिये दौड़ा दिया, उनको भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया।सीतापुर में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ अपराधी पर कार्यवाही की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्का जाम कर दिया था तब जाकर पुलिस ने कार्यवाही किया।और अब बलरामपुर जल रहा है।यह सारी घटनायें बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है।सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है।4 एसपी और कलेक्टर, दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है?मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।
शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने आँख फोडवा कांड को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान दर्जन भर से अधिक लोगों की आंख खराब हो गई है. इस घटना ने 15 साल के रमन शासन काल में हुए आंख फोड़वा कांड की याद को ताजा कर दिया है. भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था चलर है. सरकार के लापरवाही के चलते पोलियो के ड्रॉप पिलाने में शिशुओं की मौत हो जारी है.मालूम हो कि दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 लोगों का ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद 9 लोगों को आंख में संक्रमण के चलते में रायपुर के मेकाहारा में रेफर कर दिया गया था।श्री मौर्य ने कहा कि दंतेवाड़ा जिला में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान जिनकी आंखे खराब हुई है सरकार उनकी बेहतर इलाज करवाए. पीड़ितों को मुआवजा दें और जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें…
इस प्रेसवार्ता के दौरान वरिष्ठ कॉंग्रेसी सतपाल शर्मा,उपनेता प्रतिपक्ष राजेश राय, महिला कॉंग्रेस अध्यक्ष लता निषाद,पार्षद कोमल सेना,ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव नाग, महामंत्री ज़ाहिद हुसैन, सायमा अशरफ, शादाब अहमद,हेमंत कश्यप, उस्मान रज़ा आदि मौजूद रहे।