दंतेवाड़ाएक घंटा पहले
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तीन जिलों से पहुंचे ग्रामीणों ने विशाल सभा भी की।
छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के बचेली में मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए। जल-जंगल-जमीन को बचाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का यहां दिनभर प्रदर्शन चलता रहा। दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा इन तीन जिलों से पहुंचे ग्रामीणों ने विशाल सभा भी की। ग्रामीणों ने NMDC के डिपॉजिट नंबर 4 में खनन शुरू न करने और पर्यावरण बचाने के संबंध में जमकर हल्ला बोल किया। हालांकि, ग्रामीणों को रैली निकालने अनुमति नहीं मिली।
दरअसल, भूमकाल दिवस आयोजन संयुक्त मंच, पर्यावरण बचाओ मंच समेत अन्य संगठनों की तरफ से बचेली के हॉकी ग्राउंड में सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें बैलाडीला पहाड़ के तराई क्षेत्र में बसे गांव के सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे। गांव वालों ने कहा कि, बस्तर की प्राकृतिक संपदा को नष्ट किया जा रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कॉरपोरेट घरानों को यहां के प्राकृतिक संसाधन बेचे जा रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों पर ड्रोन से हमला, बमबारी की जा रही है।
नाच-गान कर अपनी बात रखी।
गांव वालों का कहना है कि, बस्तर में लगातार नए कैंप भी स्थापित किए जा रहे हैं। बिना ग्राम सभा की अनुमति के सड़कें बनाई जा रही है। गांव वालों ने किरंदुल से विशाखापट्टनम तक रेल लाइन के दोहरीकरण का विरोध किया है। इस काम को बंद करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि, दिनभर सभा के बाद ग्रामीण रैली निकालने वाले थे। लेकिन, उन्हें अनुमति नहीं मिली। जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिली। ग्रामीण राशन समेत जलाऊ लकड़ी भी लेकर पहुंचे हैं। हालांकि, वे कब तक यहां आंदोलन में बैठेंगे अभी यह स्पष्ट नहीं है।
विभिन्न संगठनों ने मिलकर आयोजन किया था।
यह है इनकी मांग
- पहाड़ों को खनन करके जल-जंगल-जमीन को प्रदूषित करना बंद करें।
- कॉरपोरेट घरानों को बेच और सैनिकीकरण कर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना बंद करें।
- मानव जाति, वन्य प्राणी, जीव-जंतु को नष्ट करना बंद करें।
- आदिवासियों पर हवाई बमबारी करना बंद करें।
- आदिवासियों पर अत्याचार, हत्या, नरसंहार करना बंद करें।
- नई खदानें और खुदाई का विस्तार करना बंद करें।
- बैलाडीला- विशाखापट्टनम तक रेल निर्माण के डबलिंग का काम करना बंद करें।
- ग्राम सभा के बिना नए पुलिस कैंप, थाना स्थापित करना बंद करें।
- लाल पानी प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाए।