कोंडागांव जिला ब्यूरो चीफ -दिलीप गंजीर
प्रदेश सरकार छोटे-छोटे बच्चों के विकास, पोषण व आरंभिक शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी को माडल बनाकर उसमें आधुनिक स्तर की सुविधाएं भी दे रही है, परंतु अब भी कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनकी स्थिति अत्यंत दयनीय एवं खस्ता हाल हैं। जिले के फरसगांव विकासखंड अंतर्गत भानपुरी गांव के सरारटिकरा का आंगनबाड़ी केंद्र भी उन्हीं में से एक है, जो अव्यवस्थाओं का दंश झेल रहा है।
सरार टिकरा का यह आंगनबाड़ी भवन काफी जर्जर हो गया है। दूर से देखने पर किसी खंडहर के समान दिखाई देता है। आंगनबाड़ी केंद्र के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है। शौचालय कि स्थिति भी बदहाल है। पेयजल की समस्या तो है ही, साथ ही छोटे-छोटे नौनिहालों का अपना आंगनबाड़ी भवन जर्जर होने की वजह से है वे बगल में स्थित रंगमंच में बैठकर पढ़ाई व अन्य क्रियाकलाप करते हैं। गंदगी से केंद्र पर पंजीकृत बच्चों व गर्भवती महिलाओं पर संक्रामक रोगों का खतरा मंडरा रहा है।
केंद्र का जर्जर भवन हादसे को न्योता दे रहा है। ऐसी दयनीय स्थिति में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र पर देश का भविष्य पल बढ़ रहा है। इतना ही नहीं इसी गंदगी के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों में हर सप्ताह गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों का स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण करता है। जिले में महिला बाल विकास विभाग की योजनाएं और आंगनवाड़ी केंद्रों में सुविधाएं कागजों पर बेहतर और हकीकत में कुछ और हैं। जिले में न तो अधिकारी केंद्रों का निरीक्षण करते हैं और न ही जिम्मेदार सुपरवाइजर नियमित रूप से अपनी जिम्मेदारी को निभाते है। यह बात और है कि कागजों में सब कुछ ठीक रखा जाता है कि रिकार्ड दुरूस्त रहे।
जर्जर आंगनबाड़ी भवन, भवन की दीवारों की दरारें, छत पर सीलन, केंद्र के सामने खोखला पेड़, जर्जर अनुपयोगी शौचालय, केंद्र के आसपास की गंदगी आदि।