दंतेवाड़ा । कटेकल्याण ब्लॉक में कृषि विभाग के निर्देशन में चिराग परियोजना के सहयोगी संस्था पीसीआई व महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से पोषण सखियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
चिराग परियोजना के अंतर्गत कटेकल्याण ब्लॉक में पोषण आधारित कृषि पर कार्य किया जाना है, इसमें कृषक परिवारों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करानें के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही समन्वित कृषि प्रणाली के माध्यम से किसानों को परंपरागत फसलों के साथ-साथ अन्य आयमूलक एवं पोषणवर्धक उद्यमों को अपनानें के लिए प्रेरित किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण में पोषण सखियों को कुपोषण, सन्तुलित आहार , कृषि एवं पोषण में सम्बन्ध, दैनिक भोजन में आहार विविधता के साथ सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के लिये संचार के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी योगेश उईके ने चिराग परियोजना के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया, “ प्रदेश में कृषि विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 15 जिलों के 27 विकासखंड में रहने वाले ग्रामीण आदिवासी परिवारों के आय में वृद्धि एवं वर्ष भर पोषित आहार की उपलब्धता हेतु वर्ल्ड बैंक एवं आई.एफ.ए.डी. के सहयोग से चिराग परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत चिन्हाकित ग्रामों में पोषण आधारित गतिविधियों को के क्रियान्वयन हेतु पोषण सखी के रूप में कार्य करने के लिये कटेकल्याण ब्लॉक के सम्बन्धित ग्रामों से 30 महिलाओं का चयन किया गया है”
उन्होंने आगे बताया, “प्रशिक्षण के दौरान पोषण सखियों ने जाना कि, ग्राम स्तर पर प्रत्येक परिवार, कृषकों को विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों को पौष्टिक एवं सन्तुलित आहार, भोजन विविधता की जानकारी देना जरूरी है, जिससे अपने गाँव में एनीमिया जैसी गम्भीर समस्या व कुपोषण पर भी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।”
जनपद पंचायत कटेकल्याण में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण के मुख्य प्रशिक्षक प्रसन्न खाण्डे (ब्लॉक समन्वयक, पीसीआई) और मीना साहू (सुपरवाइजर, महिला बाल विकास विभाग) रहे। इस अवसर पर चिराग राज्य कार्यालय से जगजीत मिंज, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी योगेश उईके एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
प्रदेश में कृषि विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 15 जिलों के 27 विकासखण्डों में निवासरत ग्रामीण आदिवासी परिवारों के आय में वृद्धि एवं वर्षभर पोषित आहार की उपलब्धता हेतु वर्ल्ड बैंक एवं आई.एफ.ए.डी. के सहयोग से ‘‘चिराग परियोजना‘‘ का क्रियान्वयन किया जा रहा है।