मेरी नजर में भारत वर्ष में सबसे जल्द मान कर दया और मदत देने वाली आदिवासी समाज है । जो संस्कारित रुप में भी किसी से कम नही हैं । 58 वर्ष के मेरे जीवन का रीयल अनुभूत अनुभव है। यह गुण अन्य समाज में 70%भी पाना कठिन है । देव रूप तो समस्त मानव में है पर ये खास है । मैं तो अपने दोस्तों कहता हूं की आप अनुभव करके देख लो जीवन में उनके साथ आपको भूखे पेेट नही सोना पडेगा। हमारे पूर्वज ईनके साथ पले बड़े ऊनकी छाया में फले फुले । ये समाज अपार योग्यता का धनी ,वफादार और अनुभूत जीवनयापन करते हैं धन्य है यह समाज। सहज सरलता की मीसाल हैं इनके DNA सलाम करने की जरूरत है ।