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बालोदएक घंटा पहले
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सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र साहू पर आरोप।
बालोद जिले में भारतीय जनता पार्टी के फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। कांकेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मोहन मंडावी के प्रतिनिधि अजेंद्र साहू पर स्वेच्छानुदान की राशि में कमीशन लेने का आरोप लगा है।
इधर बीजेपी के वायरल लेटर पैड पर लिखे एक पत्र की तथ्यात्मक जांच की गई तो पता चला कि इसमें लिखे हुए शब्द तो असली हैं, लेकिन लेटर पैड फर्जी है। फर्जीवाड़े का आरोप सांसद प्रतिनिधि एवं जनपद पंचायत सदस्य संध्या साहू के पति अजेंद्र साहू के ऊपर लगा है। जिले के गुरूर मंडल के अध्यक्ष कौशल साहू ने बताया कि स्वेच्छानुदान की राशि में कमीशन लेने की बात गलत है। उन्होंने कहा कि सांसद स्वेच्छानुदान में लेनदेन के बारे में खंडन को लेकर ब्लैंक पेपर पर सांसद प्रतिनिधि पर लगे लेनदेन के आरोप को निराधार बताया गया है। कोरे कागज पर भाजपा का लेटर हेड लगाकर इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जबकि मंडल ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है।
एक और सांसद प्रतिनिधि ने लगाया आरोप
वहीं इस क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि एवं बीजेपी महामंत्री मेहत्तर नेताम का एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने अजेंद्र साहू के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस ऑडियो में वे कहते नजर आ रहे हैं कि अजेंद्र निम्न स्तर का व्यक्ति है, उसने कई हितग्राहियों से उसने एक-एक हजार रुपए कमीशन लिए हैं।
कथित सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र साहू पर लगा गंभीर आरोप।
ये है पूरा मामला
कथित सांसद प्रतिनिधि अजेंद्र साहू पर सांसद स्वेच्छानुदान की राशि में हितग्राहियों से एक-एक हजार रुपए कमीशन लेने और चेक देने के बदले जूता मांगे जाने की बात सामने आई है। जिस महिला पुष्पा नागवंशी से पैसे लेने की बात की जा रही है, उससे जुड़ा एक वीडियो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वायरल कर दिया। इस वीडियो में महिला ने अपनी मर्जी से पैसे अजेंद्र साहू को देने के लिए दिए थे। वहीं स्वेच्छानुदान लेने वाले हितग्राही से चेक देने के बदले जूता मांगने की भी बात सामने आई।
इधर सांसद प्रतिनिधि को बचाने के लिए 3-4 स्वघोषित नेताओं जिसमें मंडल अध्यक्ष कौशल साहू, ईशा प्रकाश साहू, मेहत्तर नेताम और नंदकिशोर शर्मा शामिल हैं, इन्होंने बैठक बुलाई और सांसद प्रतिनिधि को क्लीन चिट दे दी। इन चारों के हस्ताक्षर वाली एक कॉपी भी वायरल हुई है, जिसमें इस घटना को साजिश बताकर अजेंद्र साहू को क्लीन चिट दी गई है। इसके बाद सांसद प्रतिनिधि ने इस पत्र को लेटर हेड के साथ सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सांसद प्रतिनिधि ने 1 जून को भाजपा मंडल गुरूर के अधिकृत व्हाट्सएप ग्रुप से इसे वायरल किया गया।
सांसद प्रतिनिधि पर फर्जीवाड़े का आरोप।
मामले में फंसा नया पेंच
अब पता चला है कि मंडल कार्यालय में जो निंदा प्रस्ताव जारी किया गया था, वह कोरे कागज पर था। मंडल अध्यक्ष का कहना है कि किसी ने भाजपा मंडल का लेटर पैड लगाकर इसे वायरल किया है और ऐसा किसने किया है, वे नहीं जानते। वहीं सरपंच मोतीराम देवांगन ने कहा कि महिला ने 1000 रुपए तो दिए हैं, लेकिन इसके पीछे क्या वजह है, वे नहीं जानते। उन्होंने ये भी कहा कि अजेंद्र साहू उनसे भी पैसे उधार लेता रहता है। जिस महिला से उसने पैसे लिए हैं, उसकी माली हालत बहुत खराब है। अगर उसने स्वेच्छा से भी अजेंद्र को पैसे दिए हैं, तो उससे पैसे लेना गलत है, क्योंकि पूरा गांव उसकी खराब आर्थिक स्थिति को जानता है।
इधर पूरे मामले में बीजेपी की किरकिरी हो रही है। सांसद मोहन मंडावी ने कहा कि स्वेच्छानुदान की राशि तहसीलदार और सीईओ के माध्यम से जारी होती है और उन्हीं के माध्यम से हस्तांतरित भी होती है। अब सवाल ये है कि अधिकारियों से ये पैसा निचले स्तर के नेता तक कैसे पहुंचा।