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DFO ने आरा और पीलिंग मिलों को जारी किया नोटिस, जनपद CEO ने सरपंचों को दिए निर्देश | DFO issues notice to sawmills and peeling mills on illegal felling of trees

By on Jun 6, 2023 in छत्तीसगढ़


गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM)एक घंटा पहले

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पेड़ों की अवैध कटाई पर नोटिस जारी। - Dainik Bhaskar

पेड़ों की अवैध कटाई पर नोटिस जारी।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में दैनिक भास्कर की खबर का असर हुआ है। बड़े पैमाने पर चल रही अवैध कटाई को लेकर DFO ने नोटिस जारी किया है, साथ ही जनपद पंचायच CEO ने भी सरपंचों को निर्देश दिए हैं। मरवाही DFO सत्यदेव शर्मा ने जिले के सभी आरा मिल और पीलिंग मिलों के संचालकों को नोटिस जारी किया है।

मरवाही DFO सत्यदेव शर्मा ने नोटिस जारी करते हुए ट्रांजिट परमिट से छूट प्रजाति की लकड़ियों के क्रय-विक्रय जो सरंपचों के द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर किए जा रहे हैं, इसे लेकर कहा कि शासन के नियमों के अनुरूप नहीं होने के कारण इसे मान्य नहीं किया जाएगा। एसडीएम की परमिशन के बाद ही छूट प्रजाति की लकड़ियों और वनोपज की खरीद-बिक्री और चिराई कार्य किया जा सकेगा।

धड़ल्ले से पेड़ों की अवैध कटाई जारी।

धड़ल्ले से पेड़ों की अवैध कटाई जारी।

सरपंचों को भी निर्देश

वहीं जनपद पंचायत CEO ने सरपंचों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि तत्काल मुनादी करवाकर वृक्षों की कटाई पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया है कि विभिन्न ग्राम पंचायतों में धड़ल्ले से पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है, जिससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। सरपंचों को ये निर्देश भी दिए गए हैं कि अगर विशेष परिस्थिति में पेड़ कटाई की अनुमति दी जाती है, तो इस बारे में जनपद पंचायत कार्यालय और उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाए। साथ ही अगर कोई व्यक्ति निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो तुरंत उसके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित करें।

कटे हुए पेड़ जगह-जगह आपको दिख जाएंगे।

कटे हुए पेड़ जगह-जगह आपको दिख जाएंगे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ प्रजाति के पेड़ों को काटे जाने की ग्राम पंचायत स्तर पर अनुमति दी है, जिसका फायदा अब गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में रायपुर और दूसरे शहरों के व्यापारी उठा रहे हैं। वे सरपंचों के साथ सांठगांठ कर बेतहाशा पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं। जिले में प्रतिमाह करीब 2 से 3 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं।

जिले में छूट प्रजाति की लकड़ियों का फायदा उठाते हुए लकड़ी कारोबारी और माफिया छूट प्रजाति वाले पेड़ों के साथ ही संरक्षित प्रजाति के पेड़ों की भी खुलेआम कटाई करवा रहे हैं। इससे जंगल का रकबा भी कम हो रहा है। दूसरे सीमावर्ती जिलों से भी इस जिले में लकड़ी लाकर खपाई जा रही है, जो नियम विरुद्ध है।

DFO सत्यदेव शर्मा ने आरा और पीलिंग मिलों को नोटिस जारी किए।

DFO सत्यदेव शर्मा ने आरा और पीलिंग मिलों को नोटिस जारी किए।

जिले में मैकल पर्वत श्रृंखला है, जिसकी तराई में घने वन हैं। लेकिन पिछले 2 सालों से जिस तरह से बेतहाशा पेड़ों की कटाई की जा रही है, उसका कारण कहीं न कहीं सरकार के द्वारा दी गई छूट है। जिससे पूर्ववर्ती सरकार के समय शुरू किया गया, तो इस सरकार में इस छूट की प्रजाति को और भी बढ़ाने का आदेश जारी किया गया।

पिछली भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 के तहत 28 अगस्त 2017 के राजपत्र में प्रकाशन करके 23 प्रजाति को कटाई नियम से छूट प्रदान करते हुए जिला स्तर पर इन प्रजाति के पेड़ों को काटने और परिवहन की अनुमति जारी करने के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकृत किया। इसके बाद वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस छूट प्रजाति के 23 पेड़ों की संख्या को बढ़ाते हुए 32 और पेड़ों की प्रजाति को इसमें शामिल करते हुये 55 प्रजाति के पेड़ों को काटने और परिवहन की छूट प्रदान की। इसके बाद से जिले की हरियाली को मानों ग्रहण लगने लगा है और बेतहाशा पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है।

अब SDM की परमिशन के बाद ही छूट प्रजाति की लकड़ियों और वनोपज की खरीद-बिक्री और चिराई कार्य।

अब SDM की परमिशन के बाद ही छूट प्रजाति की लकड़ियों और वनोपज की खरीद-बिक्री और चिराई कार्य।

ग्राम पंचायतें अब किसानों और लोगों की निजी जमीनों पर लगी इस छूट प्रजाति में आने वाले पेड़ों को काटने की अनुमति दे रही है, तो वहीं इसकी आड़ में सरकारी जमीनों पर लगे पेड़ों को भी काटा जा रहा है। यहां गौरेला और पेंड्रा शहरों में दूसरे शहर के व्यापारी अब मशीनें लगाकर काटे गए पेड़ों का खुलेआम कारोबार में उपयोग कर रहे हैं। कहने को तो वन विभाग के बैरियर लगे हैं, लेकिन इन काटे गए पेड़ों के कागजात तक चेक नहीं किए जाते।

55 प्रजाति को छूट देने के पीछे सरकार का मकसद उन किसानों और ग्रामीणों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से बचाना था, जिन्हें अपनी जमीन पर लगे पेड़ों को कटवाने के लिए बहुत जरूरत होती थी, पर अब छूट दिए जाने का फायदा आम लोग कम और व्यापारी ज्यादा उठा रहे हैं।

जनपद पंचायत CEO का सरपंचों को निर्देश।

जनपद पंचायत CEO का सरपंचों को निर्देश।

अनुमान के अनुसार, प्रतिमाह जिले में 3 हजार से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसका असर अब जिले के तापमान पर भी पड़ने लगा है और यहां बेतहाशा गर्मी पड़ने लगी है, तो वहीं हरियाली भी गायब होती जा रही है। वन और राजस्व विभाग की निष्क्रियता और लापरवाही का फायदा लकड़ी कारोबारी और तस्कर दूसरे संरक्षित प्रजाति के पेड़ों को काटकर भी उठा रहे हैं।

मरवाही सरपंच प्रियदर्शिनी सिंह का कहना है कि हम खुद ही नहीं चाहते कि पेड़ को काटने की अनुमति दें, लेकिन सरकार ने इसकी छूट प्रदान की है। ऐसे में लोगों के आवेदन आने पर पेड़ों को काटने की अनुमति देनी पड़ती है, लेकिन पेड़ों की इतनी संख्या में कटाई निश्चित ही चिंता का विषय है। इस मामले पर कुछ दिनों पहले मरवाही विधायक डॉ केके ध्रुव ने भी कहा था कि शासन की ओर से कुछ ही प्रजाति की लकड़ियों को काटे जाने की छूट दी गई है। मैं डीएफओ से चर्चा करके अवैध कटाई को रोकने के लिए कहूंगा, साथ ही अगर पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, तो इस पर शासन का ध्यानाकर्षण कराया जाएगा।

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