कोंडागांव जिला ब्यूरो चीफ दिलीप गंजीर
18सितंबर बुधबार की सुबह फरसगांव तहसील से तकरीबन 9किलोमीटर आलोर के झाटिवन स्थित पहाड़ की गुफा का पट एक वर्ष बाद भोर मे खुला!माता के दर्शन के लिए दो दिवस पूर्व से ही भक्तो ने मंदिर के पास लाइन की शक्ल मे डेरा डाल लिया था ताकि माता के दर्शन जल्द व आसानी से मिल सके!ज्ञात हो प्रतिवर्ष देश विदेश से आने वाले
श्रदालुओं की संख्या बढ़ते जा रही है!
आज सुबह से हजारों की तादाद मे भक्तो की भारी भीड़ का जनसैलाब गुफा के पट खुलने से पूर्व उमड़ पड़ा था!
भक्तो की भीड़ को व्यवस्थित ढंग से नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थीं!
ताकि भगदड़ जैसे हालात उत्पन्न न हो!
पुलिस प्रशासन के सहयोग व भक्तो की सुविधा के लिए प्रत्येक प्रशासन का अमला अपने स्तर से सुविधा उपलब्ध कराने मे जुटा नजर आया!
*मंदिर की महत्ता*
मान्यता हैं निःसंतान दम्पति जो संतान की कामना लिए आते है उन्हें खीरे का प्रसाद आपने नाख़ून से चीरकर माता के समक्ष ग्रहण करना होता है!
*सुबह विभिन्न प्रकार के चिन्ह मिलते है*
मंदिर की गुफा के पट भोर मे ज़ब खुलता है तो पुजारी सबसे पहले रेत मे बने निशान को देखकर यह वर्ष बस्तरवासियो के लिए कैसा रहेगा इसकी भविष्यवाणी करते है!
उसके पश्चात् लिंगई माता को गाय के दूध से स्नान कराकर पूजा अर्चना करते है तत्पश्चात भक्तो को दर्शन करने दिया जाता है!
भक्तो के दर्शन का सिलसिला यूँ ही करीब शाम पांच बजे के आसपास तक चलता है!
इसके बाद पुजारी गायता, पटेल व लिंगेश्वरी समिति की उपस्थिति मे गुफा के पट एक वर्ष के लिए बंद कर दिया जाता है!