वॉशिंगटन. अमेरिका में एक बार फिर से बैंकिंग संकट (Banking Crisis) नजर आ रहा है. अमेरिकी रेगुलेटर्स ने देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही उसने फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को बैंक का रिसीवर नियुक्त किया है.
बैंकों में जमा ग्राहकों की राशि की सुरक्षा की जिम्मेदारी FDIC को सौंपी गई है. इससे पहले प्री-मार्केट ट्रेडिंग में बैंक के शेयरों में 66 फीसदी की गिरावट के बाद इसे कारोबार से रोक दिया गया.
13 मार्च को खुलेंगे ब्रॉन्च
करीब ढाई साल में ये दूसरी बार है, जब FDIC इंश्योर्ड बैंक बंद हुआ है. इससे पहले अक्टूबर 2020 में अलमेना स्टेट बैंक पर भी ताला लग गया था. रिपोर्ट के अनुसार, सिलिकॉन वैली बैंक का मुख्य कार्यालय और सभी शाखाएं 13 मार्च को फिर से खुलेंगी और सभी बीमित जमाकर्ताओं के पास सोमवार सुबह तक अपनी जमा राशि का एक्सेस होगा. 31 दिसंबर 2022 तक सिलिकॉन वैली बैंक की कुल संपत्ति करीब 209 अरब डॉलर थी और कुल डिपॉजिट करीब 175.4 अरब डॉलर था.
अमेरिका के बैंक पर ताला, भारतीय निवेशकों की बढ़ी चिंता
अमेरिकी बैंक सिलिकॉन वैली बैंक की मूल कंपनी SVB फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में 70 फीसदी तक की गिरावट आ गई। अमेरिका में शुरू हुए इस बैंकिंग संकट का असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है। भारतीय निवेशकों और भारतीय स्टार्टअप की चिंता भी बढ़ने लगी है। टेक स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए मशहूर एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप के इस संकट से भारतीय स्टार्टअप्स की टेंशन बढ़ गई है। दरअसल कई भारतीय स्टार्टअप में सिलिकॉन वैली बैंक का पैसा लगा है। बैंक की खस्ताहाल का असर अब इन स्टार्टअप्स पर पड़ना तय है।
भारत के स्टार्टअप्स में लगा है पैसा
सिलिकॉन वैली बैंकिंग संकट का असर भारतीय स्टार्टअप्स पर दिखेगा। इस बैंक ने भारत में 20 स्टार्टअप में निवेश किया है। स्टार्टअप रिसर्च एडवाइजरी Tracxn के मुताबिक साल 2003 में भारतीय स्टार्टअप में निवेश किया था। हालांकि, इनमें निवेश की गई राशि की स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में भारत की स्टार्टअप कंपनियों ने सिलिकॉन वैली बैंक से करीब 150 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाई थी।
भारत में सबसे अहम निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में है। इसके अलावा ब्ल्यूस्टोन, पेटीएम, one97 कम्युनिकेशन्स, Paytmमॉल, नापतोल, कारवाले, शादी, इनमोबी और लॉयल्टी रिवार्ड्ज जैसे स्टार्टअप में बैंक का निवेश है। जाहिर है कि बैंक के बंद होने से इन निवेशकों की चिंता बढ़ेगी।