– बरसात के पहले सफाई की कोई कार्य योजना तक नहीं, निगम के लापरवाह पूर्ण रवैया
– कचरों से पटे बडे़ नाले, रूटीन सफाई भी शुरू नहीं, सत्ता सुख में डूबे कांग्रेसी भूले जिम्मेदारी
बरसात का मौसम पर सिर पर पहुँच गया है और शहर मे बड़े नालों की सफाई का अभियान अभी तक नगर निगम ने शुरू नहीं किया है, जबकि बरसात के पू्र्व बड़े नालों की सफाई रुटिन कार्य है। इसके लिये कोई कार्य योजना तक भी नगर निगम ने नहीं बनायी है। भारतीय जनता पार्टी के पार्षद आलोक अवस्थी ने चिंता जाहिर करते हुये कहा कि वर्तमान में जिस तरह से निगम में बिना योजना के सफाई इंतजाम चल रहे हैं, उसको देखते हुये बीते वर्ष शहर में फैले डेंगू प्रकोप का खतरा फिर मंडराने लगा है। श्री अवस्थी ने ऐसी लापरवाह कार्य प्रणाली को लिये महापौर सफीरा साहू को दोषी ठहराते हुये जवाब मांगा है।
भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि शहर की स्वच्छता का विषय सीधे जन स्वास्थ्य से जुडा़ है, इसमें किसी भी तरह की चूक भयावह परिणाम देती है। पिछले साल इसी समय डेंगू बीमारी ने शहर में अपने पैर पसारे थे। जिसके प्रकोप से करीब एक दर्जन दुखद अकाल मौतें शहर ने भोगी है, हजारों की संख्या में लोग डेंगू के शिकार हुये थे। अस्पतालों में ईलाज के लिये बेड तक खाली नहीं थे। और शहर में डेंगू का प्रकोप अस्वच्छता, गंदगी के कारण ही फैला था। उस समय बस्तर प्रवास पर आये प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने संकेत में कांग्रेस शासित नगर निगम की इस गलती को स्वीकारा था।
श्री अवस्थी ने कहा कि पिछले साल के बुरे अनुभव से नगर निगम में काबिज कांग्रेस के जनप्रतिनिधि अब भी सबक नहीं ले रहे हैं। यह जगदलपुर शहर का दुर्भाग्य है। बरसात के पूर्व जल भराव को रोकने, बड़े नालों, डूबान वाले क्षेत्रों में विशेष सफाई के कोई पहल नहीं हो रही है।महापौर सहित कांग्रेसी पार्षद सत्ता सुख में लीन है और जनता के प्रति जवाबदेही को भूला चुके हैं।
पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि निगम की कमान संभाल रहे कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का असर सफाई बेडे़ में भी दिखायी पड़ रहा है। लंबे समय से निगम के स्वच्छता विभाग में जमे अधिकारी बजाय काम के कुर्सी ही तोड़ रहे हैं। पिछले साल डेंगू से हुई मौतों के बाद भी स्वच्छता अमले में कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। बिना भय के स्वच्छता विभाग में जमे अधिकारी काम में कोताही करने का कमाल दिखा रहे हैं। विपक्ष के गंभीर सवाल सत्ता के घमंड में अनसुने हो चुके है। जिसका जवाब समय आने पर उन्हें जागरूक जनता को देना होगा।