कोंडागांव जिला ब्यूरो चीफ -दिलीप गंजीर की रिपोर्ट
*भगवाधारी करो तैयारी आ रहे है,
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी*
गणपति बप्पा मोरिया की गूंज जल्द ही समूचे देश मे 7सितम्बर से गूंजने जा रही है.इसके लिये शहर कसबो के मोहल्लो के नवयुवकों मे गजब का उत्साह है!
घरो व गणेश ज़ी की स्थापना स्थल पर पंडालो व झालरों से सजाने का दौर अपने चरम पर है!
— गणेश स्थापना मे प्रयुक्त पूजन सामग्री –
हिन्दू धर्म मे भगवान गणेश की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर शुभ कार्य के पूर्व गणेश ज़ी कि पूजा अनिवार्य है!गणेश ज़ी कि पूजा के लिए यूँ तो अनेक पूजा सामग्री लगती है लेकिन उनमे निहायत जरूरी चौकी, पीला और लाल कपड़ा, मूर्ति, सुपारी, शहद, धूप दीप, लड्डू मोदक, दूर्वा, पान के पत्ते, नारियल, अगरबत्ती, सिंदूर, पुष्प, कलश कपूर, हल्दी अनिवार्य रूप से लगती है!
फरसगांव शहर मे भी गणेश ज़ी विराजने के लिए भक्तो मे गजब का उत्साह देखते ही बनता है!वैसे तो फरसगांव मे हर मुहल्ले मे गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है लेकिन ‘अस्पताल मैदान के राजा’ ‘पंडाल मे सबसे दी प्रतिमा विराजती है यहाँ के पंडाल मे आसपास के गाँव के गणेश भक्तो का सिलसिला दस दिनों तक गणेश ज़ी के दर्शन के लिए लगा रहता है!यहाँ दस दिवस मे कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम व मशहूर आर्केस्टा का कार्यक्रम रखे जाने का सिलसिला लगातार जारी है!
फरसगांव मे मूर्ति बनाने के लिए चारामा के मूर्तिकार श्री डिकेश चक्रधारी व लच्छन चक्रधारी व उनके सहयोगी रिंकू साहू विगत पांच वर्षो से हर वर्ष मनमोहक गणेश ज़ी कि मूर्ति बनाकर शहरवासियो की प्रशंसा के पात्र बने हुए है!
ये मूर्तिकार सुबह से देर रात तक मिट्टी व भूषा आदि सामग्री से अपने हाथो से मूर्तियां बनाने मे व्यस्त रहते है.
मूर्तियों का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है अब कारीगर बेहद खूबसूरती के साथ पेंटिंग व रंग मूर्तियों मे भरने मे जुटे हुये है!
महत्व -गणेश महोत्सव का अपना विशेष महत्व है, इस पर्व को मनाने से समाज मे एकता और सोहाद्र की भावना भी बढ़ती है लोग एक साथ अमीर गरीब सभी पंडाल मे आकर गणेश ज़ी की पूजा अर्चना एक साथ करते है!जिससे समाज मे आपसी सामंजस्य का वातावरण निर्मित होता है!