ज्यादातर लोक लुभावन सेव की प्लानिंग से सेंगशन एथारटी एवम कार्य वाह अधिकारी और ठेकेदार तक 99%आसय की सफलता पूर्वक पुरी होन की % तै हो जवाबदारी । बहूत सी सरकारी कार्यक्रम करोडों की लागत की फेल होकर धूल खा रही है। जैसे सुकमा की छिर सागर योजना ।नये कलेक्टर आते ही पुराने कलेक्टर योजना किनारे कर दी जाती है ये परिपाटी बहूत बुरी है इस पर भी सरकार कार्यवाही करे ।
देश का धन अधिकार दिखाने और लुटाने तक नही सजा भी भोगना पडेगा । ये सरकारें और देश की संसद तैं करे देश के नागरिक इतने समझदार होती तो 500/_ में वोट नही देती हमारी शिक्षण व्यवस्था इतनी कमज़ोर है । जो त्वरीत लाभ ही देखती है । मोदी जी कुछ कर दो।